Friday, November 22, 2024
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डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये की कीमत को लेकर AAP ने उठाए केंद्र सरकार पर सवाल, जानें क्या कहा?

AAP On Rupee Decline Against Dollar: डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत में और गिरावट आने पर मंगलवार (22 अगस्त) को आम आदमी पार्टी (AAP) ने बीजेपी पर निशाना साधा. AAP की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि देशवासियों के लिए यह बहुत चिंता की बात है कि भारतीय करेंसी की कीमत और गिर गई है. आज एक डॉलर 83.13 रुपये का हो गया है.

उन्होंने कहा कि जब पीएम नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री हुआ करते थे और एक डॉलर 59 रुपये का हो गया था, तब उन्होंने तत्कालीन केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला था. स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने भी कहा था कि जब रुपये की कीमत गिरती है तो देश की प्रतिष्ठा भी गिरती है, लेकिन आज बीजेपी को इससे कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि भारतीय करेंसी की डिमांड लगातार कम हो रही है, क्योंकि हम भारी मात्रा में सामान विदेशों से खरीद रहे हैं. भारतीय रुपये की कीमत तो तभी बढ़ेगी, जब भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा, व्यापारियों को लाइसेंस राज से मुक्ति मिलेगी और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का नारा सच साबित होगा.

‘भारत का मुकाबला विकसित देशों से होना चाहिए’

आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि आम आदमी पार्टी का मानना है कि भारत का मुकाबला और बराबरी विकसित देशों से होनी चाहिए. आज एक यूएसडी की कीमत चीन के 7.02 यूआन के बराबर है. जबकि एक यूएसडी की कीमत 83.13 भारतीय रुपये के बराबर पहुंच गई है. यह अब तक का सबसे खराब आंकड़ा है. यह सिर्फ उन लोगों के लिए चिंता का विषय नहीं है, जो अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए विदेश भेजना चाहते हैं, बल्कि यह देश के हर नागरिक से जुड़ा मसला है. इससे देश की प्रतिष्ठा कम होती है.

‘नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब…’

प्रियंक्का कक्कड़ ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब वो गिरते भारतीय रुपये को लेकर लगातार हमलावर रहते थे. जब एक डॉलर 59 रुपये के बराबर था, तब नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. इसके अलावा, स्वर्गीय सुषमा स्वराज जी का भी मानना था कि जैसे-जैसे देश की करेंसी गिरती है, वैसे-वैसे देश की प्रतिष्ठा भी कम होती है. दिसंबर 2022 में कहा गया कि भारत की करेंसी एशिया की वर्स्ट परफॉर्मिंग करेंसी (सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा) है और आज यह आंकड़ा और गिरकर 83.13 पर पहुंच गया है.

रुपये की कीमत गिरने से देश की प्रतिष्ठा कैसे कम होती है?

प्रियंक्का कक्कड़ ने एक उदाहरण के जरिए बताया कि रुपये की कीमत गिरने से देश की प्रतिष्ठा कैसे कम होती है? उन्होंने कहा कि बीते वर्ष जब एकनाथ शिंदे गुट को पहले गुजरात और फिर असम ले जाया गया. इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा में लगातार ‘50 खोखे-नॉट ओके’ के नारे लग रहे थे, तो उस वक्त बीजेपी ने कहा था कि रूस और भारत के बीच अब भारतीय करेंसी में व्यापार होगा. आज सच्चाई यह है कि भारत, रूस से सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल और हथियार खरीदता है और इसकी कीमत भारतीय रुपये में करने के बजाय दिरहम या युआन में दे रहा है.

उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि भारतीय करेंसी की कीमत इतनी गिर चुकी है कि इसकी मांग बहुत कम है. भारतीय करेंसी के गिरने की वजह ये है कि हम लगातार विदेशों से आयात तो कर रहे हैं, लेकिन दूसरे देशों को निर्यात नहीं कर रहे हैं. इसका यह मतलब है कि भारत के पास ऐसा कोई सामान मैन्युफैक्चर नहीं हो रहा है, जिसकी विदेश में मांग हो.

AAP नेता ने बताया भारतीय रुपये की कीमत कैसे बढ़ेगी

AAP की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि मेक इन इंडिया का कैंपेन मात्र हेडलाइन मैनेजमेंट के तहत चलाया गया था. मेक इन इंडिया के तहत भारत में कोई भी मैन्युफैक्चरिंग हब नहीं बना. ऐसे में भारतीय रुपये की कीमत कैसे बढ़ेगी और भारत में निवेशक कैसे आएंगे? यह तभी संभव होगा, जब भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा और अपना सामान विदेशों में बेच पाएगा. यह तब हो पाएगा, जब व्यापारियों को लाइसेंस राज से मुक्ति मिलेगी और वो भारत में सामान बना पाएंगे. इसलिए व्यापारियों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सिर्फ एक नारा नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत में यह तब मुमकिन हो पाएगा जब भारत में सस्ती और अच्छी शिक्षा होगी, ताकि हमारे बच्चे नए आविष्कार के बारे में सोच पाएं और देश में पेटेंट के रजिस्ट्रेशन बढ़ेंगे. इसके लिए देश में अच्छी यूनिवर्सिटी होनी जरूरी है, ताकि विदेश के लोग अपना डॉलर खर्च कर अच्छी शिक्षा के लिए भारत आने लगेंगे. जब गांव-गांव में अच्छे अस्पताल होंगे तो विदेश के लोग डॉलर खर्च कर अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आएंगे.

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