Andhra Pradesh Assembly Election 2024: तेलंगाना में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश पर भी चुनावी रंग चढ़ता दिख रहा है. यहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सत्ताधारी दल और विपक्ष के नेता अभी से ही एक-दूसरे पर लगातार हमला करने लगे हैं. इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश के सीएम मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने तेलुगु देशम प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू, उनके बेटे नारा लोकेश, उनके बहनोई बालकृष्ण और जन सेना प्रमुख पवन कल्याण पर हमला बोला है.
वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने इन सभी को गैर-स्थानीय यानी बाहरी बताया है. जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार (12 अक्टूबर) को एक कार्यक्रम में कहा, “वे हैदराबाद में रहते हैं और आंध्र प्रदेश में राजनीति कर रहे हैं. ये नेता राज्य की संपत्ति लूटने की कोशिश कर रहे हैं और वे इस संपत्ति को कुछ मीडिया दिग्गजों के साथ हैदराबाद में साझा करेंगे.”
विकास परियोजनाओं में अड़ंगा लगाने का आरोप
मुख्यमंत्री रेड्डी ने काकीनाडा जिले के सामलकोट में जगन्नाना हाउसिंग कॉलोनी का उद्घाटन किया और एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि राज्य में वाईएसआरसी सरकार की ओऱ से गरीबों के लिए मंजूर किए गए 31 लाख घरों में से 7.43 लाख घरों का निर्माण किया गया है. उन्होंने कहा, “मैं लोगों और गरीबों का भला करना चाहता हूं, लेकिन चंद्रबाबू एक राक्षस की तरह ऐसी परियोजनाओं को रोकने के लिए अदालती मुकदमों के रूप में बाधाएं डालते रहते हैं.” उन्होंने आगे कहा, ”पुराणों में लिखा है कि यज्ञ के दौरान राक्षस पवित्र अनुष्ठानों को बिगाड़ने का प्रयास करते हैं. ये नेता भी उन पौराणिक राक्षसों की तरह ही हैं.”
पवन कल्याण की कई पत्नियों का किया जिक्र
जगन मोहन रेड्डी ने पवन कल्याण को ‘पैकेज स्टार’ बताते हुए कहा कि “ऐसे लोग हैं जो उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए अपना उत्पाद या जमीन बेच देंगे. लेकिन पवन कल्याण अपने भविष्य, अपने फॉलोअर्स, अपने समुदाय और उनके वोट को बेचना चाहते हैं. पवन कल्याण ने हिंदू पारंपरिक विवाह प्रणाली का मजाक उड़ाया है. वह लोकल, नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर शादियां करते रहते हैं. वह हर तीन या चार साल में एक बार पत्नियां बदलते हैं.”
‘पवन कल्याण के मन में महिलाओं के लिए सम्मान नहीं’
जगन मोहन रेड्डी ने आगे कहा, “पवन कल्याण के मन में महिलाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं है. ऐसे व्यक्ति दूसरों को कैसे प्रेरित कर सकते हैं? न तो चंद्रबाबू और न ही पवन कल्याण खुद को एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों या यहां तक कि कापू जैसी जातियों के लिए कुछ कर सकते हैं, लेकिन ये नेता उनके वोट जरूर चाहते हैं.”
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