Tuesday, June 24, 2025
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स्टूडेंट्स ने रोके बुलडोजर, पुलिस ने घसीट-घसीट कर गाड़ियों में भरा; हैदराबाद यूनिवर्सिटी में खू

Hyderabad University: हैदराबाद यूनिवर्सिटी में रविवार (31 मार्च) को जमकर हंगामा हुआ. कैंपस के पूर्वी हिस्से से सटी जगह पर तेलंगाना सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के चलते यह बवाल मचा. स्टूडेंट्स इस अधिग्रहण का विरोध करते हुए बुलडोजरों पर चढ़ गए. बाद में पुलिस बल बुलाकर स्टूडेंट्स को यहां से हटाया गया. 

कांचा गचीबोवली में 400 एकड़ भूमि के टुकड़े को लेकर यह विवाद हुआ. यह भूमि हैदराबाद यूनिवर्सिटी से सटी हुई है. तेलंगाना सरकार इस भूमि को विकसित करने और वहां एक आईटी पार्क स्थापित करने की योजना बना रही है. इसीलिए रविवार को बड़ी संख्या में यहां बुलडोजर उबड़-खाबड़ जमीन और पेड़ों को साफ करने पहुंचे थे.

बुलडोजर दिखते ही पहुंच गए स्टूडेंट्स
वैसे, प्रशासन ने रविवार का दिन चुनकर यहां बुलडोजर भेजे लेकिन जैसे ही स्टूडेंट्स को पता चला तो यहां कुछ ही देर में भीड़ लग गई. कुछ छात्रों ने बुलडोजरों पर चढ़कर पुलिस के खिलाफ नारे लगाए और मांग की कि वे वापस चले जाएं. देर तक छात्रों और पुलिस के बीच कहासुनी होती रही. बाद में पुलिस ने बल प्रयोग कर छात्रों को घसीट-घसीट कर गाड़ियों में भरा और कुछ देर हिरासत में लेकर रात को छोड़ दिया.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुल 53 छात्रों को एहतियातन हिरासत में लिया गया था. हैदराबाद पुलिस ने यह भी बताया कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकारी अधिकारियों को उनके काम करने से रोका और कुछ ने पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया. पुलिस अधिकारी ने कहा कि ऐसे छात्रों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा.

स्टूडेंट्स के आरोप
हिरासत में लिए जाने वाले छात्रों ने पुलिस पर बल प्रयोग करने के आरोप लगाए हैं. एक छात्रा ने तो यह तक दावा किया है कि उसे गलत-गलत जगह पर छूते हुए पुलिसकर्मियों ने हिरासत में लिया. छात्रों का कहना है कि हम बस यह जानना चाहते थे कि वे जंगल की जमीन को क्यों नष्ट कर रहे हैं.

हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र संघ ने इस मामले में पुलिस कार्रवाई और छात्रों की हिरासत की निंदा की है. वहीं, यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि विवादित भूमि यूनिवर्सिटी की नहीं है और न ही कानूनी रूप से उसे आवंटित क्षेत्र का हिस्सा है. बता दें कि पिछले कई दिनों से यह मामला गर्म है. यूनिवर्सिटी के छात्रों और अन्य लोगों का एक वर्ग पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए भूमि की नीलामी के प्रस्ताव का लगातार विरोध कर रहा है.

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