Cheetah In Kuno Park Gave Birth : भारत में चीता को बढ़ावा देने से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए अच्छी खबर आई है. मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में फिर चीता के शावकों की किलकारियां गूंजी हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने यह जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी है. मंगलवार (23 जनवरी) को उन्होंने एक वीडियो भी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर शेयर किया और लिखा है कि कूनो नेशनल पार्क में नामीबियाई चीता ज्वाला ने तीन नए शावकों को जन्म दिया है.
यह चीता प्रोजेक्ट के लिए अच्छी खबर है क्योंकि कुछ दिन पहले ही नामीबियाई चीता आशा ने भी तीन नए शावकों को जन्म दिया था. हालांकि, एक हफ्ते पहले एक चीता की मौत की खबर इसी नेशनल पार्क से आई थी जिसके बाद अब नए शावकों के जन्म से पार्क में खुशी का माहौल है.
बढ़ रही है चीतों की संख्या
चीता प्रोजेक्ट के लिए चुने गए कूनो नेशनल पार्क में अब धीरे-धीरे चीतों का कुनबा बढ़ने लगा है. मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर लिखा, “कूनो के नए शावक! ज्वाला नाम की नामीबियाई चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है. यह नामीबियाई चीता आशा की ओर से शावकों को जन्म देने के कुछ ही सप्ताह बाद हुआ है. देश भर के सभी वन्यजीव अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं (wildlife frontline warriors) और वन्यजीव प्रेमियों को बधाई. भारत में इसी तरह से वन्य जीवन फले-फूले.”
Kuno’s new cubs!
Namibian Cheetah named Jwala has given birth to three cubs. This comes just weeks after Namibian Cheetah Aasha gave birth to her cubs.
Congratulations to all wildlife frontline warriors and wildlife lovers across the country.
May Bharat’s wildlife thrive… pic.twitter.com/aasusRiXtG
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) January 23, 2024
1 महीने में 6 चीतों का जन्म
कूनो नेशनल पार्क में पिछले एक महीने में दो बार चीता के शावकों की किलकारियां गूंजी हैं. इससे पहले, 3 जनवरी को मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया था, जबकि अब चीता ज्वाला ने तीन नए शावकों को जन्म दिया. ऐसे में एक महीने में कूनो नेशनल पार्क में 6 चीते का जन्म हुआ है. इसकी बदौलत अब यह कहा जा रहा है कि धीरे-धीरे नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से आए चीतों ने खुद को कूनो पार्क के वातावरण में ढालना शुरू कर दिया है. शावकों के जन्म के बाद इस बात के दावे किए जा रहे हैं कि चीता परियोजना अब सफलता की तरफ बढ़ती नजर आ रही है. हालांकि, बीच-बीच में चीतों की मौत ने इस योजना को लेकर परेशान भी किया.
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