<p>दिल्ली के मुस्तफाबाद सीट से AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक दिन के लिए टल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि जब दंगों से जुड़े 9 मामलों में उसे बेल मिल चुकी है, तो चुनाव लड़ने के लिए एक मामले में अंतरिम जमानत क्यों नहीं दी जा सकती? दिल्ली पुलिस के वकील ने जवाब देने के लिए समय मांगा है.</p>
<p>आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद रहा ताहिर हुसैन 2020 के दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपियों में से एक है. इन दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. ताहिर हुसैन पर आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है. इस केस में उसे अभी तक जमानत नहीं मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे विधानसभा चुनाव का नामांकन दाखिल करने के लिए कस्टडी परोल दी थी, लेकिन चुनाव तक जेल से बाहर रहने के लिए जमानत देने की मांग ठुकरा दी थी.</p>
<p>सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने ताहिर की याचिका पर सुनवाई की. शुरू में जस्टिस मिथल ने अंतरिम जमानत पर विचार न करने का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि ताहिर की घटनास्थल पर मौजूदगी और भीड़ को भड़काने को लेकर कई गवाहों के बयान हैं. अगर वह रिहाई चाहता है, तो चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत मांगने की बजाय उसे नियमित जमानत की कोशिश करनी चाहिए.</p>
<p>बेंच के दूसरे सदस्य जस्टिस अमानुल्लाह इससे सहमत नजर नहीं आए. उन्होंने कहा कि ताहिर को दंगों के 10 मामलों में से 9 में जमानत मिल चुकी है. ऐसे में एक मामले में उसे अंतरिम जमानत देने पर विचार होना चाहिए. जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि हर केस में उस पर मुख्य आरोप भीड़ को उकसाने का ही है. दिल्ली पुलिस के लिए पेश वकील रजत नायर ने कहा कि उनका जवाब अभी तैयार नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों के अनुरोध पर सुनवाई बुधवार के लिए टाल दी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा कि वह बुधवार को तैयारी के साथ आएं.</p>
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